22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। इसका एक बड़ा असर अटारी-वाघा बॉर्डर पर पड़ा है, जहाँ से अफगानिस्तान से आने वाले ट्रकों को रोक दिया गया है।
क्या हुआ?
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सुरक्षा बढ़ाई।
अटारी बॉर्डर (भारत-पाक सीमा) को पूरी तरह बंद कर दिया गया।
अफगानिस्तान से आने वाले 40-45 ट्रक प्रतिदिन अब भारत में प्रवेश नहीं कर पा रहे।
अफगानिस्तान से क्या आता था?
अफगानिस्तान से भारत में मुख्य रूप से निम्न चीजें आती थीं:
सूखे मेवे (किशमिश, बादाम, अखरोट)
सेब
मौसमी सब्जियाँ
इनका आयात अब पूरी तरह रुक गया है।
बॉर्डर बंद होने के क्या प्रभाव होंगे?
1. व्यापार पर असर
भारत में अफगान ड्राई फ्रूट्स और सेब की आपूर्ति कम होगी।
कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
2. रोजगार पर संकट
अटारी बॉर्डर पर 1400+ मजदूर और पोर्टर्स काम करते थे, जिनका अब काम बंद हो गया है।
ट्रक ड्राइवर्स, ढाबा संचालकों (जैसे करबीर सिंह) और छोटे व्यापारियों की आय प्रभावित हुई है।
3. पाकिस्तान को भी नुकसान
पाकिस्तान ने अफगान ट्रकों को भारत जाने से रोक दिया है, जिससे अफगानिस्तान के साथ उसके संबंध भी खराब हो सकते हैं।
अफगानिस्तान भारत के साथ व्यापार चाहता है, लेकिन पाकिस्तान की रुकावट से उसे भी नुकसान होगा।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं?
राजदीप उपल (व्यापारी): “हम सरकार के फैसले के साथ हैं, लेकिन रोजगार का विकल्प चाहिए।”
हिमांशु (मजदूर): “बॉर्डर बंद होने से हमारी रोजी-रोटी बंद हो गई है।”
करबीर सिंह (ढाबा मालिक): “ट्रक ड्राइवर और मजदूर हमारे ग्राहक थे, अब कमाई नहीं हो रही।”
भविष्य में क्या होगा?
भारत सरकार वैकल्पिक व्यापार मार्ग (जैसे चाबहार पोर्ट, ईरान के रास्ते) पर विचार कर सकती है।
अगर पाकिस्तान अफगान ट्रकों को नहीं जाने देगा, तो अफगानिस्तान उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन इसका असर सामान्य लोगों पर भी पड़ा है। अब सवाल यह है कि क्या भारत और अफगानिस्तान वैकल्पिक व्यापार मार्ग ढूंढ पाएंगे?
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