
22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
NDTV के मुताबिक, ठोकर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा क्षेत्र के गुड्डे गांव का रहने वाला है। वह 2018 में एक छात्र वीजा पर पाकिस्तान गया था और छह साल बाद वापस लौटा है।
ठोकर के आतंकवादी संगठनों से संबंध स्थापित
ठोकर के पाकिस्तान जाने से पहले ही उसके कट्टरपंथी विचारों की पुष्टि हो चुकी थी। खुफिया अधिकारियों ने बताया कि वह पहले ही सीमा पार सक्रिय प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सदस्यों के संपर्क में आ चुका था।
पढ़ाई के बहाने पाकिस्तान जाने के बाद, ठोकर लगभग आठ महीने तक गायब रहा और अपने परिवार से सभी संपर्क तोड़ लिया।
वापसी
भारत लौटने और पहलगाम हमले में ठोकर की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में ठोकर को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से वैचारिक और अर्धसैनिक प्रशिक्षण मिला। वह 2024 के अंत में पाकिस्तान से एलओसी (LoC) पार कर पुंछ-राजौरी सेक्टर के कठिन इलाके से भारत में फिर से प्रवेश कर गया।
उसके साथ एक छोटा समूह भी था, जिसमें हाशिम मूसा नामक एक और मुख्य आरोपी शामिल था, जो पहलगाम हमले में वांछित है।
गुप्त गतिविधियाँ
अनंतनाग में ठोकर की गुप्त कार्रवाइयाँ
अनंतनाग में भूमिगत होने के बाद, ठोकर ने संभवतः उन पाकिस्तानी आतंकियों में से कम से कम एक को शरण दी, जिनके साथ वह घुसपैठ कर भारत आया था।
वह कई हफ्तों तक छुपा रहा, इस दौरान उसने निष्क्रिय आतंकी स्लीपर सेल्स से फिर से संपर्क स्थापित कर लिया।
अधिकारियों का मानना है कि वह एक बड़े हमले के लिए उचित स्थान और अवसर की तलाश में सक्रिय था।
हमला
बैसरण हमले की जानकारी
22 अप्रैल को, ठोकर और उसके गिरोह के सदस्य बैसरण के घने चीड़ के जंगल से निकलकर पर्यटकों पर गोलीबारी करने लगे।
बचे हुए लोगों ने बताया कि हमलावरों ने कुछ पीड़ितों से उनका धर्म पूछा और उनसे इस्लामी आयतें सुनाने को कहा।
जो लोग असमर्थ रहे या हिचकिचाए, उन्हें गोली मार दी गई।
पूरा हमला दस मिनट से भी कम समय में समाप्त हो गया, जिसमें 25 पर्यटकों, एक स्थानीय टट्टू संचालक और दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जैसा कि NDTV ने रिपोर्ट किया।
आरोपी की पहचान
बैसरण नरसंहार में ठोकर मुख्य आरोपी के रूप में पहचाना गया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ठोकर को बैसरण नरसंहार के तीन मुख्य आरोपियों में से एक के रूप में आधिकारिक तौर पर पहचाना है।
अन्य दो आरोपी भी पाकिस्तानी हैं — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई।
सरकार ने इनकी विश्वसनीय सूचना देने वालों के लिए ₹20 लाख का इनाम घोषित किया है, जबकि सुरक्षाबल अनंतनाग, पहलगाम और आसपास के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं।